मेरी बर्बादी का वो जशन मनाएंगे,
रोयेगा ये दिल, पर हम दुनिया को हसाएंगे।
दहल जायेगा दिल उनका,
जब दुनिया वाले उन्हें
मेरी मौत का किस्सा सुनाएंगे।
हम सुनाएंगे किस्से उनकी बेबफाई के,
वो भी किस्से अपनी बेबफाई के
साथ मेरे गुनगुनाएंगे।
करेंगे वो याद हमको रह-रहकर,
जब दुनिया हम उनकी छोड़ जाएंगे।
लगाकर आग मेरे घर को,
मेरे जाने के बाद ,
वो घर रकिवों का बसाएंगे.
3 टिप्पणियां:
रचना अच्छी है... पर ग़ज़ल है क्या?
???????
nice
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